हाई स्पीड ट्रेन का सपना देख रहे भारत लोगों को और कारोबारियों को अब मोदी सरकार हाइपरलूप ट्रेन का तोहफा देने पर विचार कर रही हैं। अगर यह सपना सच हुआ तो भारत चीन, जापान जैसे कई देशों को पीछे छोड़ देगा।
बता दें कि अमेरिका की एक बड़ी कंपनी ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के सामने ये हाइपरलूप ट्रेन का ज़बरदस्त प्रस्ताव रखा है। हाइपरलूप ट्रेन सबसे पहले मुंबई और पुणे के बीच बनेगी , उसके बाद तो मुंबई से पुणे के बीच की 149 किलोमीटर की दूरी तय करने में महज़ 9 से 25 मिनट का समय लगेगा। लेकिन बता दें कि इस हाइपरलूप के ट्रेन के केवल एक किलोमीटर को बनाने में ही 40 मिलियन डॉलर का खर्च आएगा। लेकिन इस ज़बरदस्त आधुनिक सिस्टम के तहत वैक्यूम ट्य़ूब से होकर पैड की तरह के वाहन कम से कम 1200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगे । मतलब क्रांति आ जाएगी ।
मिंट के मुताबिक हाल ही में अमेरिका की कम्पनी लॉस एंजलिस बेस्ड हाइपर लूप ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजीज ने नितिन गडकरी से मुलाकात की। कंपनी ने इस मुलाक़ात में भारत में एक महतवकांशी पायलट परियोजना स्थापित करने का औपचारिक प्रस्ताव रखा। यह ट्रेन चुंबकीय तकनीक से लैस पथ (ट्रैक) पर चलेगी। सबसे बड़ी बात ये है कि ट्रेन वैक्यूम (बिना हवा) ट्यूब सिस्टम से गुजरने वाली कैप्सूल जैसी हाइपरलूप 750 मील (1224 किलोमीटर) प्रति घंटे की रफ्तार से भी अधिक तेज़ दौड़ सकती है। कंपनी के CEO Dirk Ahlborn के मुताबिक यह उच्च ऊंचाई (high altitudes) पर एक हवाई जहाज के समान है।
बताते चलें कि आधुनिक हाइपरलूप ट्रासंपोर्टेशन टेक्नोलजीज की स्थापना 2013 में ही हुई थी। इसमें एक ट्यूब के भीतर ‘हाइपरलूप’ को उच्च दबाव और ताप सहने की क्षमता वाले इंकोनेल से बने बेहद पतले स्की पर स्थिर किया जाता है उसके बाद इस स्की में छिद्रों के जरिये दबाव डालकर हवा भरी जाती है। जिससे परिणाम स्वरूप यह एक एयर कुशन की तरह काम करने लगता है। ये भी बता दें कि स्की में लगे चुंबक और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक झटके से ‘हाइपरलूप’ के पॉड को गति दी जाती है और फिर ये रफ़्तार की बुलंदियाँ छूने लगता है ।
देखें इस आधुनिक तकनीक का ये विडीओ जिसको देखकर आपकी आखें खुली की खुली रह जाएँगी ।
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