loading...

जानिए क्या है आयुर्वेदिक उपचार श्वास संस्थान के रोगों से बचाव के...

Image result for श्वास संस्थान के रोगों से बचाव के आयुर्वेदिक उपचार
प्राणायाम से श्वास संस्थान व्याधियों से देह मुक्त रहता है। 
नित्य प्राणायाम से प्राणी नजला-जुकाम, पिंस, दमा, स्वास आदि रोगों से बचा रहता है। प्राणायाम फेफड़ों के दूरवर्ती कोषों में संचित मलों को दूर करता है और फेफड़ों के सभी खण्डों में प्राणवायु प्रदान कर रोगाणुओं को नष्ट कर देता है।
विशेष आयर्वेद के अनुसार पित्त, वात, कफ ही स्वस्थ की आधारशिला है।
आयुर्वेद में पित्त, वात, कफ का वर्ण क्रमश: लाल, नीला, सफेद बताया है।
अत: प्राणायाम में ब्रम्हा, विष्णु, महेश से रक्त, नीला और स्वेत वर्ण क्रमश: आयुर्वेद के पित्त, वात और कफ है जिनका ध्यान करने से त्रिदोष साम्यावस्था में रहकर शरीर को आरोग्य प्रदान कर दीर्घायु बना देते है।
प्रतिदिन एकाग्रचित होकर लाल, नील और सफेद रंगों का ध्यान करने से त्रिदोष साम्य होकर देह के समस्त विकार दूर होते है और दीर्घायु की प्राप्ति होती है। त्रिदोषों की समानता से शरीर स्वस्थ रहता है।
loading...
loading...
loading...

Related Posts:

0 comments:

Shares
FacebookXWhatsAppSumoMe