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मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप को समर्पित नवरात्रि का पहला दिन

नवरात्रि का पहला दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप को समर्पित है। माता आदि शक्ति के पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। मां शैल पुत्री की पूजा विधि-विधान से करने से आपदाओं से मुक्ति मिलती है। मां शैलपुत्री बैल की सवारी बैल करती हैं। आइए जानते हैं मां शैल पुत्री की पूजा से क्या लाभ मिलता है।



- शैलपुत्री की भक्तिपूर्वक पूजा करने से मनुष्य कभी रोगी नहीं हो सकता है।

- शैलपुत्री की आराधना से आपदाओं से मुक्ति मिलती है। कहा जाता है कि मां सभी कष्टों को हरकर आपदाओं को दूर भगाती हैं।

- मां की प्रतिमा स्थापित होने के बाद उस स्थान पर आपदा, रोग, संक्रमण का खतरा नहीं होता और घर में खुशहाली आती है।

- मां शैल पुत्री की पूजा के लिए महिलाएं मंदिर में अपने सुहाग की लम्बी उम्र की मनोकामना के लिए नारियल और सुहाग का सामान चढ़ाती हैं।

- इसके अलावा मां शैलपुत्री के पूजन से भक्तों को धन वैभव,मान-सम्मान, प्रतिष्ठा भी मिलती है।
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