अब सवाल ये उठता है की ये हवा में कैसे झूल रहा है. दरअसल जब एक ब्रिटिश कारीगर ने जब ये जानने के लिए इस मंदिर के खम्भों की खुदाई की कि ये किस आधार पर खड़े है तो एक चौकाने वाली बात सामने आई की ये खम्बे निराधार ही हवा में झूल रहे है ( Hanging Temple ).
यहाँ आने वाले श्रद्धालुओ का ये मानना है कि इस खम्बे के नीचे से पकड़ा निकलने पर धन में वृद्धि होती है और परिवार में सुख-शांति आती है. ऐसी मान्यता है की इस मंदिर का निर्माण अगस्त मुनि में कराया था.
मंदिर के पास ही नंदी जी की एक पत्थर से बनी विशाल प्रतिमा है. जो 27 फीट लम्बी और 4.5 फीट ऊँची है. मंदिर में एक भव्य नागलिंग भी स्थित है जिसके ऊपर एक विशाल सात फीट वाले शेषनाग की प्रतिमा है. मंदिर में ही एक स्थान पर प्रभु श्रीराम के पदचिह्न भी है हालांकि कुछ लोगो का ये भी मानना है कि ये पदचिह्न माता सीता के है.
अपनी प्राचीन मान्यता और खूबसूरत स्थापत्य कला के कारण ये मंदिर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है. भारत में ऐसी अनेक पौराणिक कथाये कही गयी है जिसके साक्ष्य आज भी धरती पर मौजूद है. रामायण के अनुसार जब रावण माता सीता का अपहरण करके उसे लंका ले जा रहा था तब माता सीता की पुकार सुन कर गिद्धराज जटायु ने ही रावण से युद्ध किया था, बाद में भगवान राम ने रावण का वध करके संसार में धर्म की स्थापना की थी.
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