पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने कुलभूषण जाधव की तुलना मुंबई हमलों में मासूमों के खून से हाथ रंगने वाले अजमल कसाब से की है। उन्होंने भारत को चुप रहने की नसीहत भी दी है।
नई दिल्ली: भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की कोर्ट द्वारा दी गई फांसी की सजा को पाकिस्तान ने अभूतपूर्व फैसला बताया है। पाकिस्तान मीडिया का कहना है कि कोर्ट का यह फैसला अभूतपूर्व है और इस पर भारत को शांत रहना चाहिए, क्योंकि यह सबूतों और गवाहों के आधार पर किया गया फैसला है। इतना ही नहीं पाकिस्तान के न्यूज चैनल जियो टीवी के जाने-माने संपादक हामिद मीर ने एक कदम आगे बढ़कर जाधव की तुलना मुंबई हमले के पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब से कर डाली।
हालांकि ऐसा करते समय वह यह भूल गए कि कसाब आतंकी था जिसने मुंबई में मासूमों के खून से अपने हाथ रंगे थे। इस दौरान वह यह भी भूल गए पाकिस्तान की सरकार की सरपरस्ती में वहां चलते वाले आतंकी कैंपों में ही उसको ट्रेनिंग भी दी गई थी। वह यह भी भूल गए कि जिन आतंकियों के हिमायतियों को वह पाले हुए हैं उन्होंने ही कसाब जैसे कई और लोगों को भारत में दहशत फैलाने और मासूमों का खून बहाने की ट्रेनिंग दी है और लगातार दे रहे हैं।
इस संबंध में अपनी प्रतिक्रिया स्वरूप उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की कोर्ट ने यह फैसला सबूतों और गवाहों के आधारा पर सुनाया है। पाकिस्तान को चाहिए कि वह इस मामले में मिले सबूतों को भारत और पूरी दुनिया से शेयर करे। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को इस संबंध में भारत के रवैये की परवाह न करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। उनका कहना था कि यदि लोगों को याद हो तो पाकिस्तान ने अजमल कसाब के मुद्दे पर खामोशी बरती थी। उस मामले में भारत की कोर्ट ने सबूतों और गवाहों को अाधार बनाते हुए उसको फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन पूरे मामले में पाकिस्तान चुप रहा था। लिहाजा भारत को जाधव को हीरो नहीं बनाना चाहिए और इस मामले में खामोश रहना चाहिए।
पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टी पीपीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व आंतरिक मंत्री रहमान मलिक ने भी मीर के सुर में सुर मिलाते हुए पाकिस्तान कोर्ट के इस फैसले को सही करार दिया है। उनका कहना है कि यदि कोर्ट ने जाधव को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है तो पाकिस्तान को यह अधिकार है कि उसको फांसी दी जाए। इस संबंध में पाकिस्तान को किसी भी दबाव में नहीं आना चाहिए।
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