हमारी इस पोस्ट में हम करने जा रहे है उस राज का पर्दाफाश जिसके कारण बंगाल की मुख्यमंत्री ने भारतीय सैनिको पर आरोप लगाए थे उन्होंने उन सैनिको पर आरोप लगाए थे जो हमेशा अपनी जान जोखिम में डालकर हमे सुरक्षित रखते आए है तो लीजिये पढ़िए ये पूरा सच . #
1 दिसम्बर को दिल्ली और कोलकाता को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहुंचे सैनिको से अचानक वहां पर हडकंप मच गया था . सेना के हथियार बंद टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों को चिन्हित करने पर लोगो ने तरह-तरह के सवाल उठाने शुरू कर दिए . आपको बता देते है कि सेना हर साल पुरे देश में अपनी सेना के सार्वजनिक प्रणाली की क्षमता का आंकलन करने के लिए इस तरह के अभियान चलाती है . और कई बार तो सेना पैदल मार्च करके देश की अनुकूल परिस्थियों को परखते है ताकि युद्ध के समय आसानी से निपटा जा सके . #

टोल प्लाजा पर सैनिको की तैनाती को लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री और एवं तृणमूल कांग्रेस ने तो इनके खिलाफ हंगामा खड़ा कर दिया है इतना ही नही उन्होंने तो इसपर कड़ी आपति जताते हुए इसे राजनीतिक साजिश का नाम देने में जरा भी हिचकिचाए नही है . और इसे सैन्य तख्तापलट का नाम भी दे दिया गया है .
इसके बाद टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती को लेकर रक्षा मंत्री ने कहा है कि ये सेना की एक रूटीन एक्सरसाइज़ है इससे पहले भी बंगाल में पिछली साल 19 और 21 नवम्बर 2015 को इसी तरह का सेना अभ्यास किया गया था .लेकिन इस बार विपक्ष राजनीति पर बेबुनियाद आरोप लगा रहा है .
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