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बड़ी खबर : जेटली के साथ मंथन के बाद - सभी राज्य 1 जुलाई से GST लागू करने पर हुए तैयार...

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देश के इतिहास में सबसे बड़ा टैक्स सुधार बताए जा रहे वस्तु एवं सेवा कर (GST) को 1 जुलाई से लागू करने की तैयारियों में केंद्र और राज्य सरकारें जोर-शोर जुटी हैं. इसी के तहत राजधानी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में जीएसटी काउंसिल की 15वीं बैठक हुई. जिसमें जीएसटी से जुड़े सभी नियमों के लागू होने के रास्ते साफ हो गए हैं. 
दरअसल सभी राज्यों ने 1 जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने पर सहमति जताई है. यहां चल रही जीएसटी परिषद की 15वीं बैठक में बाकी बचे 6 सामानों की करों की दरों को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिसमें सोना भी शामिल है. केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने जीएसटी परिषद की बैठक के बीच में विराम के दौरान शनिवार दोपहर कहा, 'सभी राज्य 1 जुलाई से जीएसटी को लागू करने पर सहमत हो गए हैं.'
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उन्होंने यह भी कहा कि परिषद में 6 सामानों पर कर की दरों को तय करने के लिए चर्चा हो रही है, जिसमें सोना, वस्त्र, चप्पल-जूते, बिस्कुट और बीड़ी शामिल है. वहीं 1,211 सामानों पर कर की दरों को पिछले परिषद की श्रीनगर में हुई बैठक में तय किया गया है. इस सप्ताह के शुरू में पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने 1 जुलाई से जीएसटी को लागू करने पर गंभीर संदेह जताया था.  

वित्त मंत्री अरुण जेटली जीएसटी परिषद के प्रमुख हैं, उन्होंने गुरुवार को उद्योग जगत से जीएसटी के लिए तैयार रहने को कहा और कहा कि इसे लागू करने की तारीख में बदलाव नहीं होगा.  
दरअसल इस बैठक में सोना-चांदी, मोती, कीमती पत्थरों, सिक्कों और कृत्रिम जेवरों के अलावा बिस्किट, कपड़ा, फुटवियर, बीड़ी, तेंदू पत्ते पर लगने वाला टैक्स भी तय किया जाना था. 
वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल में राज्यों के वित्तमंत्री भी शामिल हैं. इस बैठक में कुछ दूसरी चीज़ों पर टैक्स दरों की समीक्षा भी हो सकती है. इसके अलावा बैठक में जीएसटी के लागू होने के बाद फॉर्म के प्रारूप के लिए नियमों को भी मंजूरी दी जा सकती है. इस बारे में वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, जीएसटी नियमों के मसौदे को और संबंधित फॉर्मों को मंजूरी भी एजेंडा में है.'
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सोने-चांदी आभूषणों पर टैक्स
कुछ राज्यों ने सोने पर 4% टैक्ट और इनपुट टैक्स क्रेडिट की वकालत की है, जिससे इन कीमती चीज़ों पर टैक्स का असर मौजूदा 2% के स्तर पर ही कायम रहे. वहीं वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने सोने पर 4-6% टैक्स की सिफारिश की थी. भारत में जरूरत का 99% सोना आयात किया जाता है और इस पर अभी 10% कस्टम ड्यूटी, मैन्युफैक्चरिंग पर 1% एक्साइज और बिक्री पर 1% वैट लगता है.
कपड़ों में ब्रांडेड और नॉन ब्रांडेड की होगी दो श्रेणी
वहीं कपड़ों की अगर बात करें, तो इन्हें ब्रांडेड और नॉनब्रांडेड की दो श्रेणियों में रखा जा सकता है. जानकारों का कहना है कि टैक्स के लिहाज से अभी कपड़ा उद्योग काफा बंटा हुआ है, जहां सूती रेशों पर 0%, तो सिंथेटिक पर 12.5% एक्साइज है. ऐसे में अंदाजा है कि सरकार इनमें एकरूपता लाते हुए कपड़ों को बस दो श्रेणी में बांट कर उन पर टैक्स तय कर सकती है.
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बिस्किट पर टैक्स की राजनीति
वहीं बिस्किट के बारे में सूत्रों ने कहा कि काउंसिल की श्रीनगर में हुई पिछली बैठक में इस पर विचार हुआ था. इसमें कुछ राज्यों ने 100 रुपये प्रति किलोग्राम से कम दाम वाले बिस्कुट पर मौजूदा 0% टैक्स ही बरकरार रखने की मांग की है, जबकि केंद्र इसे 12% के टैक्स स्लैब में रखना चाहता है. वहीं एक अन्य सूत्र ने कहा कि बिस्किट पर लगने वाला टैक्स राजनीतिक फैसला होगा.
बता दें कि जीएसटी परिषद ने पिछले महीने 1,200 वस्तुओं और 500 सेवाओं के लिए 5, 12, 18 और 28 फीसदी की दरें तय की थीं. इसमें सेहत के लिए नुकसानदेह चीजों के साथ लग्जरी उत्पादों पर 28% टैक्स के अलावा सेस भी लगाया गया था. हालांकि, परिषद ने सोने-चांदी के जेवरों और कपड़े व जूतों जैसे छह जिंसों के लिए टैक्स रेट तय नहीं की थीं.
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