पान की पत्ती खाने में थोड़ी कसैली होती है लेकिन इसे खाने वाले इसमें सुपारी, कत्था, चूना और दूसरी कई चीजें मिलाकर खाते हैं. आमतौर पर लोग इसे गलत आदत मानते हैं लेकिन हर चीज की तरह इसके भी कुछ फायदे भी हैं पान खाने के शौकीन तो नवाबों से लेकर आम जनता तक रही है। इसमें कोई शक नहीं है कि पान में सुपारी, तंबाकू और चूना मिलाकर खाने से स्वास्थ्य संबंधी कई बीमारियां हो सकती हैं।
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लेकिन अगर बात सिर्फ पान के पत्तों की की जाए, तो पान के खाने के फायदे भी हैं -
@ फोड़े-फुंसी के इलाज में प्रयोग :
इसका आयुर्वेद में बाल तोड़ फोड़े-फुंसी के इलाज के लिए इस्ते माल किया जाता है। पान के पत्ते गरम करके उसमें अरंडी का तेल लगाकर फोड़े पर लगाने से आराम मिलता है।
@ बलगम दूर करने के प्रयोग में :
पान के पत्ते में शहद लगाकर खाने से खांसी में आराम मिलता है। इसके अलावा इससे छाती से बलगम दूर किया जा सकता है।
@ मसा के इलाज में प्रयोग :
पान के पत्ते मसा के इलाज में प्रयुक्त विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं में से प्रमुख घटक हैं। इस दवा के इस्तेमाल से बिना कोई निशान छोड़े मसा को पूरी तरह से सही किया जा सकता है।
@ डायबिटीज में सहायक :
पान के पत्ते का ब्लजड शुगर कन्ट्रो्ल करने में सहायक होते हैं और इसे एंटी डायबिटिक गुण के लिए भी जाना जाता है।
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@ पाचन क्रिया में सहायक :
पान के पत्ते चबाने में काफी प्रयास करना पड़ता है जिससे लार ग्रंथि पर असर पड़ता है। इससे सलाइवा लार जारी होने में मदद मिलती है। लार पाचन की दिशा में पहला कदम होता है। इसमें कई ऐसे गुण होते हैं जिनसे खाने को आसानी से पचाने में मदद मिलती है।
@ मुंह के कैंसर से बचाव :
पान के पत्ते चबाने से सलाइवा में एस्कॉर्बिक एसिड का स्तचर सही बना रहता है, जिससे मुंह के कैंसर के खतरे से बचा जा सकता है। एस्कॉर्बिक एसिड एक उत्कृहष्टक एंटीऑक्सिडेंट है जो बॉड़ी में फ्री रैडिकल को कम करता है।
@ प्रजनन शक्ति बढाने में :
पान को सम्बंद का सिंबल भी माना जाता है। सेक्स संबंध से पहले खाने से इस क्रिया का अधिक सुख लिया जा सकता है। इसलिए नए जोड़े को पान खिलाने की परंपरा भी काफी पुरानी है।
@ गैस्ट्रिक अल्सर में सहायक :
पान के पत्ते के रस को गैस्ट्रो प्रोटेक्टिव गतिविधी के लिए भी जाना जाता है, जिससे गैस्ट्रिक अल्सर को रोकने में मदद मिलती है।
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