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ममता के कारण नीतीश – केजरीवाल में फूट ! नोटबंदी से सामने आया असली चेहरा

राजनीति में ऐसे बहुत ही कम लोग देखने को मिलते हैं जो अपनी पार्टी और सियासत से ऊपर उठकर सही को सही और गलत को गलत कहने की हिम्‍मत दिखा सकते है . बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के अंदर यह काबिलियत देखने को मिली है .

प्रधानमंत्री जी ने नोटबंदी का फैसला किया तो नीतीश कुमार भी उनके साथ खुलकर खड़े हुए नजर आये . उन्होंने न तो गठबंधन , न ही लालू प्रसाद यादव और न ही कांग्रेस की परवाह की . यहां तक कि वह इस मामले पर अपनी पार्टी के नेताओं के खिलाफ भी खड़े दिखे . शायद इसी कारण दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी उनकी दूरियां बढ़ गई हैं .
खबरों के अनुसार नीतीश और केजरीवाल के बीच दूरियां बढ़ाने में तृणमूल कांग्रेस की अध्‍यक्ष ममता बनर्जी का बहुत बड़ा हाथ है . बता दें कि पीएम का नोटबंदी का फैसला काले धन, भ्रष्‍टाचार, नकली नोट और आतंकवाद के खिलाफ था . जिसका असर अब भी देशभर में साफ तौर पर देखा जा सकता है लेकिन, इसकी शुरुआत से ही बिहार के मुख्‍यमंत्री मोदीजी के इस फैसले के पक्ष में खड़े नजर आये .

जबकि केजरीवाल और ममता बनर्जी ने शुरुआत से ही इसका विरोध शुरु कर दिया था . बता दें कि केजरीवाल और ममता बनर्जी शुरुआत से ही  केंद्र सरकार पर इस फैसले को लेकर दवाब बनाने में जुटे हैं कि नोटबंदी के फैसले को वापस लिया जाए  . इसके विपरीत नीतीश कुमार ने नोटबंदी को सही ठहराते हुए यह सुझाव दिया कि लोगों की दिक्‍कतों को कम करने के प्रयास किये जाए .बताया जा रहा है कि इन्‍हीं कारणों से नीतीश कुमार ने केजरीवाल और ममता बनर्जी से दूरी बना ली है .
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