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इस्लामाबाद पर हमला कर 40 मिनट में भारत लौट आएगा राफेल, जानें और Facts

कश्मीर के उड़ी में सेना के कैंप पर आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बीच भारत सरकार ने फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमान की खरीद सौदे को मंजूरी दे दी है। दोनों देशों के बीच राफेल सौदे पर शुक्रवार को हस्ताक्षर होंगे। इस सौदे के तहत भारत फ्रांस से 36 राफेल विमान 59 हजार करोड़ रुपये (7.8 मिलियन यूरो) कीमत पर खरीदेगा। इस खरीद सौदे पर हस्ताक्षर करने के लिए शुक्रवार को फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां यीव ली ड्रियान दिल्ली में उपस्थित रहेंगे। 



फ्रांस के साथ राफेल विमानों का सौदा पहली बार 2012 में यूपीए के कार्यकाल में हुआ था, लेकिन कीमत ज्यादा होने की वजह से डील नहीं हो पाई थी। 126 विमानों की उस डील को मोदी सरकार ने टेंडरिंग में घपले के आरोपों के चलते रद्द कर दिया था। इसके बाद 36 राफेल विमानों को खरीदने का एलान हुआ, लेकिन कीमतों को लेकर पेंच फंसा रहा। हालांकि, अब गतिरोध खत्म होता दिख रहा है। 

राफेल एक फ्रेंच शब्द है, जिसका मतलब होता है तूफान। यह लड़ाकू विमान दुश्मन को मिनटों में खाक कर देता है। राफेल में हवा से हवा में मारने वाली 6 मिसाइलें लगाई जा सकती हैं। राफेल का निशाना इतना अचूक है कि ये 55 हजार फीट की ऊंचाई से भी पूरी एक्यूरेसी के साथ बम गिरा सकता है। राफेल जब हथियारों से लैस होकर दुश्मन की ओर बढ़ेगा तो हिंदुस्तान की ताकत दोगुनी हो जाएगी। दुश्मनों के बीच खौफ के दूसरे नाम राफेल को ऊंचाई वाले इलाकों में लड़ने में महारत हासिल है। पलक झपकते ही हिमालय की ऊंची चोटियों के बीच छिपे दुश्मन को ये खत्म कर देगा। 

यह एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है। यह 2200 से 2500 किलीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम है। राफेल इस्लामाबाद और बीजिंग में बमबारी कर चार घंटे के अंदर नई दिल्‍ली वापस आ सकता है। इस्लामाबाद की नई दिल्‍ली से दूरी करीब 691 किलोमीटर है, जबकि बीजिंग की दूरी 3230 किमी। राफेल इस्‍लामाबाद जाकर 40 मिनट में लौट सकता है, जबकि बीजिंग की दूरी तय करने में उसे सिर्फ तीन घंटे लगेंगे।
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