# आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु एवं शिव जी का निवास होता है इसलिए आंवला नवमी के दिन प्रातः उठकर धातृ या आंवले के वृक्ष के नीचे साफ-सफाई करनी चाहिए। आंवले के वृक्ष की पूजा दूध, फूल एवं धूप से करनी चाहिए। इस दिन जो भी शुभ कार्य जैसे दान, पूजा, भक्ति, सेवा किया जाता है उनका पुण्य कई-कई जन्म तक प्राप्त होता है।
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आंवला नवमी का महत्व -
# इस दिन स्नान, पूजन, तर्पण तथा अन्न दान करने से हर मनोकामना पूरी होती है। आंवला नवमी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने का नियम है।
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# धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आंवले का वृक्ष भगवान विष्णु को अतिप्रिय है, क्योंकि इसमें लक्ष्मी का वास होता है। इस दिन व्रत करने से शादीशुदा औरतों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
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# इस दिन गुप्त दान करना शुभ माना जाता है। आंवला के पेड़ के नीचे 10 दिनों तक भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
# इस दिन दीया जलाया जाता है, एक धागा बांधकर मनोकामनाएं मांगी जाती है। परिक्रमा कर रक्षा सूत्र बांधा जाता है।
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