
इस शहर में जहां तक नजर जायेंगी सिर्फ और सिर्फ वीरानी ही नजर आएगी. सैकड़ों साल से ये शहर बदहाली की मार झेल रहा है. यहाँ विकास के लिए नाजाने क्या क्या किया गया लेकिन इस शहर पर लगा है एक ऐसा श्राप जिसकी वजह से ये शहर आगे नहीं बढ़ पा रहा है. चीरहरण के समय द्रौपदी ने हस्तिनापुर को श्राप दिया था कि जहाँ नारी का सम्मान नहीं होता वो जगह पिछड़ जाती है. महाभारत काल में श्रीकृष्ण ने द्रौपदी के सम्मान की रक्षा की थी. जवाहरलाल नेहरु ने 1949 में हस्तिनापुर को बड़ा पर्यटन स्थल बनाने की कवायद जारी की थी और वो कवायद आजतक जारी है. द्रौपदी के श्राप से हस्तिनापुर की रफ़्तार पर लगा ब्रेक.

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