नई दिल्ली: हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल पेश करती यह खबर पश्चिम बंगाल के मालदा शहर की है, जहां कुछ मुसलमानों ने मिलकर एक हिंदू को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान तक ले गए. इतना ही नहीं उन्होेंने हरि बोल, हरि बोल का नारा भी लगाया.
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक मुसलमानों ने बिश्वजीत रजक (35) के शव को कंधा दिया और उन्हें श्मशान तक हिंदू रीति-रिवाज से ले गए. श्मशान तक पहुंचने के लिए उन्होंने तीन किलोमीटर की दूरी तय की. रास्ते में उन्होंने हरि बोल, हरि बोल का उद्घोष भी किया.
इसके अलावा अंतिम संस्कार के बाद उन्होंने हिंदू रीति-रिवाज के मुताबिक चिता की राख को नदी के पास रख दिया और अंतिम संस्कार के बाद नदी में डुबकी भी लगाई. दरअसल बिश्वजीत के परिवार वाले इतने गरीब थे कि वह अंतिम संस्कार नहीं कर सकते थे. रजक को लिवर कैंसर था, जिसके कारण उनकी मौत हो गई.
इसकी जानकारी मिलते ही गांव वाले रजक के घर इकठ्ठा हुए और उसके पिता नागेन रजक से अंतिम संस्कार करने की इजाजत मांगी. इस अंतिम संस्कार में मस्जिद के मौलवी भी शामिल हुए. मुस्लिम पड़ोसियों ने मिलकर दाह संस्कार में खर्च होने वाले पैसे का भुगतान किया. सौहार्द को दिखाती यह घटना मालदा जिले के शेखपुरा गांव की है. यह इलाका कोलकाता से 350 किलोमीटर की दूरी पर है.
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