# रुद्राक्ष के बारे में हम सभी जानते हैं। भगवान शिव इसे आभूषण के रूप में पहनते हैं। रुद्राक्ष के बिना महादेव का श्रंगार ही अधूरा माना जाता है। शिवपुराण की विद्येश्वर संहिता में रुद्राक्ष के 14 प्रकार बताए गए हैं।
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# दो मुखी रुद्राक्ष पहनने वाले की होती है हर मुराद पूरी ! उस पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है, ऐसा शिवपुराण में लिखा है। महाशिवरात्रि (24 फरवरी, शुक्रवार) के अवसर में हम आपको रुद्राक्ष के प्रकार तथा उससे जुड़ी खास बातें बता रहे हैं। रुद्राक्ष को आकार के हिसाब से तीन भागों में बांटा गया है-
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किस श्रेणी का रुद्राक्ष सबसे उत्तम -
उत्तम श्रेणी-जो रुद्राक्ष आकार में आंवले के फल के बराबर हो वह सबसे उत्तम माना गया है।मध्यम श्रेणी- जिस रुद्राक्ष का आकार बेर के फल के समान हो वह मध्यम श्रेणी में आता है।
निम्न श्रेणी- चने के बराबर आकार वाले रुद्राक्ष को निम्न श्रेणी में गिना जाता है।
# जिस रुद्राक्ष को कीड़ों ने खराब कर दिया हो या टूटा-फूटा हो, या पूरा गोल न हो। जिसमें उभरे हुए दाने न हों। ऐसा रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए। वहीं जिस रुद्राक्ष में अपने आप डोरा पिरोने के लिए छेद हो गया हो, वह उत्तम होता है।
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आप भी जानिए रुद्राक्ष का महत्व -
# एक मुखी रुद्राक्ष - यह भगवान शिव का स्वरूप है। जहां इसकी पूजा होती है, वहां से माता लक्ष्मी दूर नहीं जातीं। यानी जो इस रुद्राक्ष को धारण करता है, वह कभई गरीब नहीं होता।
# दो मुखी रुद्राक्ष - यह देव देवेश्वर कहा गया है। शिवपुराण के अनुसार जो भी व्यक्ति इस रुद्राक्ष को धारण करता है उसकी हर मुराद पूरी होती है।
# तीन मुखी रुद्राक्ष - यह सफलता दिलाने वाला होता है। विद्या प्राप्ति के लिए भी यह रुद्राक्ष बहुत चमत्कारी माना गया है।
# चार मुखी रुद्राक्ष - यह ब्रह्मा का स्वरूप है। उसके दर्शन तथा स्पर्श से धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पंचमुखी रुद्राक्ष कालाग्निरुद्र स्वरूप है। वह सब कुछ करने में समर्थ है। इसको पहनने से अद्भुत मानसिक शक्ति का विकास होता है।
# छ: मुखी वाला रुद्राक्ष - यह भगवान कार्तिकेय का स्वरूप है। जो भी इस रुद्राक्ष को पहनता है उसके सभी पाप नष्ट हो जाते है।
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# सात मुखी रुद्राक्ष - यह अनंग नाम से प्रसिद्ध है। अगर गरीब भी इस रुद्राक्ष को विधिपूर्वक पहने तो वह भी धनवान बन सकता है।
# आठमुखी रुद्राक्ष - यह अष्टमूर्ति भोरवस्वरूप है। इसे धारण करने वाला मनुष्य पूर्णायु होता है और अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है।
# नौ मुखी रुद्राक्ष - यह भैरव व कपिलमनु का प्रतीक माना गया है। इसे पहनने से क्रोध पर नियंत्रण के साथ ज्ञान की प्राप्ति की संभव है।
# दस मुखी रुद्राक्ष - यह भगवान विष्णु का रूप है। शिवपुराण के अनुसार इसे धारण करने वाले मनुष्य की संपूर्ण इच्छाएं पूरी हो जाती है।
# 11 मुखी रुद्राक्ष - यह रुद्र का रूप है। इसे धारण करने वाला विजयी होता है। यानी जो इस रुद्राक्ष को पहनता है, किसी भी क्षेत्र में उसकी कभी हार नहीं होती।
# जो व्यक्ति बारहमुखी रुद्राक्ष को धारण करता है, उसके जीवन में कभी इज्जत, शोहरत, पैसा या अन्य किसी वस्तु की कोई कमी नहीं होती।
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