पथरी की समस्या भी जैसे आजकल आम ही हो गयी है. इसके पीछे का मुख्या कारण है हमारी ख़ान पं की ग़लत आदते. यह रोग बहुत ही पीड़ादे होता है. इश्स रोग मई रोगी को अचानक से दर्द होता है. कभी कभी तो यह दर्द बर्दाश के बाहर हो जाता है और रोगियो को उल्टिया होने लगती है.
यदि हम गुर्दे की पथरी की बात करे तो यह एक आएसी स्तिति है जिसमे गुर्दे के अंदर छ्होटे छ्होटे पत्थर समान कठोर वास्तु बनने लगती है. यह स्तिति 30 से 60 वर्ष के आयु के व्यक्तियो मई देखने को मिलती है. देखा गया है की यह परेशानी स्त्रियो के अपेक्षा पुरुषो मई चार गुना ज़्यादा पाई जाती है. यदि हम बाकचो और वृधहो की बात करे तो उनमे मूत्राशया की पथरी ज़्यादा बनती है.
जब किसी भी कारणवश से मुत्रा संध गढ़ा हो जाता है तो पथरी निर्मित होने लगती है. इश्स पधर्ट मई छ्होटे छ्होटे दानो का निर्माण होने लगता है, जो बाद मई पथरी का रूप ले लेते है. इसके होने का आपको तब पता चलता है जब यह मुत्रा मार्ग मई बढ़ने लगते है और दर्द होने लगता है. इसमे काफ़ी तेज दर्द होता है और पेसाब जाने मई भी दिक्कत होती है.
कुछ पथरी का आकर रेत के दानो की तरह छ्होटा होता है. यह छ्होटी मोटी पथरी मुत्रा के ज़रिए बाहर निकल जाती है वही कुछ पथरी का आकर बहुत बड़ा होता है वो मुरा के द्वारा बाहर नही निकल पति है और पेशाब के बाहर आने मई भी बढ़ा डालती है. कभी कबार इसकी पीड़ा बर्दस्त के बाहर हो जाती है.
पथरी होने पर पीठ के निचले हिस्से मई और पेट के निचले भाग मई अचानक बहुत तेज दर्द होता है. यह दर्द कुछ मिंटो या घंटो तक बना रहता है. दर्द के साथ इसमे जी मचलने और उल्टी की भी सीकायत रहती है. आइए जानते है इसके उपचार के तरीके:-
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